बजट को लेकर वित्त मंत्री के सम्मुख विद्यमान चुनौतियां



गरिमा सिंह निदेशक सामाजिक संस्था आँखे और डिप्टी एडिटर अर्थव्यवस्था परिदृश्य आज और कल 


केंद्रीय वित्त मंत्री महोदया और वित्त मंत्रालय इस समय बजट बनाने की प्रक्रिया में लगा हुआ l बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा इस वर्ष का बजट बनाना वित्त मंत्री महोदया के लिए आसान नहीं है क्योंकि कोरोना के कारण  भारतीय अर्थव्यवस्था के सम्मुख अनेक चुनौतियां उत्पन्न हो चुकी है और उन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करना इतना आसान नहीं दिख रहा है l वित्त मंत्री को इस बार एक कुशल शिल्पी की तरह कार्य करना होगा। वित्त मंत्री आर्थिक लक्ष्यो और सामाजिक लक्ष्यों के बीच समन्वय बनाकर चलना होगा वित्त मंत्री महोदया को जहां एक तरफ राजकोषीय स्थिति को प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाना होगा तो दूसरी तरफ सामाजिक एवं जनकल्याण को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर भी फोकस करना होगा। वित्त मंत्री महोदय को बजट का निर्माण करते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर करना होगा ।

1- अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को प्रोत्साहित करना ।

2- अर्थव्यवस्था में घरेलू और विदेशी निवेश के प्रवाह को बढ़ावा देना।

3- कर प्रणाली को विसंगतियों से मुक्त बनाना तथा जीएसटी से उत्पन्न समस्याओं का समाधान खोजना।

4- 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के परिपेक्ष में राजकोषीय दबाव को दृष्टिगत रखते हुए संसाधनों के संग्रहण आवंटन और वितरण पर ध्यान देना।

5- जनकल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना ।

6- आधारिक संरचना के विकास की गति को बनाए रखना और इस संदर्भ में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना।

7- कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देकर  समग्र समावेशी विकास सुनिश्चित करना ।

8-सकल राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के संदर्भ में उपयुक्त कदम उठाना।

9- बढ़ते हुए सार्वजनिक ऋण को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाना।

10- विदेशी निवेश के प्रवाह को  बढ़ावा देने वाली  उपयुक्त नीतियों का सृजन करना ।

11- बैंकों की बढ़ती हुई एनपीए की समस्या का प्रभावी समाधान खोजने के लिए उपयुक्त दीर्घकालिक रणनीति तैयार करना।

12- समाज के कमजोर वर्ग और मध्यम वर्ग को बेल आउट पैकेज पैकेज देना।

13- पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।

14- विदेशी व्यापार को प्रोत्साहित करना और रोजगार सृजन  करने वाली नीतियों का सृजन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।

15- आर्थिक अपराधों और धोखाधड़ी की समस्या के समाधान के लिए प्रभावी संस्थागत ढांचे का निर्माण करना।

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